हिन्दी है यह हिन्दी है
राष्ट्र-भाल की बिन्दी है
भाषाओं की जान है
भारत का अरमान है।
अमर शहीदों ने अपनाया
अंग्रेजों को मार भगाया
बापू थे इसके पैरोकार
संविधान में मिला स्थान।
हम सबकी है यह अभिलाषा
हिन्दी बने राष्ट्र की भाषा
आओ सब गुणगान करें
सब मिलकर सम्मान करें।
15 comments:
हिंदी-दिवस पर सुन्दर गीत...कृष्ण कुमार भैया जी को बधाई.
आज हिंदी दिवस है. अपने देश में हिंदी की क्या स्थिति है, यह किसी से छुपा नहीं है. हिंदी को लेकर तमाम कवायदें हो रही हैं, पर हिंदी के नाम पर खाना-पूर्ति ज्यादा हो रही है. जरुरत है हम हिंदी को लेकर संजीदगी से सोचें और तभी हिंदी पल्लवित-पुष्पित हो सकेगी...! ''हिंदी-दिवस'' की बधाइयाँ !!
हिंदी तो अपनी मातृभाषा है, इसलिए इसका सम्मान करना चाहिए. हिंदी दिवस पर ढेरों बधाइयाँ और प्यार !!
हम सबकी है यह अभिलाषा
हिन्दी बने राष्ट्र की भाषा
आओ सब गुणगान करें
सब मिलकर सम्मान करें।
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हिन्दी दिवस की शुभकामनायें
अच्छी प्रस्तुति
मेरे बाल-गीत के प्रकाशन के लिए आभार...आप सभी के प्रोत्साहन के प्रति आभारी हूँ.
जय हिन्दी जय भारत
bahut badhiya kavita, jitani bhi prasansa ki jaaye kam hogi...ise hi kavita kahate hain.lekin sir pls dont mind बापू थे इसके पैरोकार,
संविधान में मिला स्थान। me yadi shuru ke part me baapu ne bhi diyaa samman kar de yaa our kuchh to kaisa rahega....kshama karen yadi maine kuchh galat kah diya ho.
आपको हिन्दी दिवस की शुभकामनायें
इस पोस्ट की चर्चा यहाँ है -
रिमझिम का प्यारा दोस्त कौन है? : सरस चर्चा (13)
कैसे गूंगा भारत महान जिसकी कोई राष्ट्रभाषा नहीं ?
उधार की भाषा कहना क्या? चुप रहना ही बेहतर होगा,
गूंगे रहकर जीना क्या फिर, मरना ही बेहतर होगा
मेरी दो कविताएँ हमारी मातृभाषा को समर्पित :
१. उतिष्ठ हिन्दी! उतिष्ठ भारत! उतिष्ठ भारती! पुनः उतिष्ठ विष्णुगुप्त!
http://pankaj-patra.blogspot.com/2010/09/hindi-diwas-rashtrabhasha-prakash.html
२. जो मेरी वाणी छीन रहे हैं, मार डालूं उन लुटेरों को।
http://pankaj-patra.blogspot.com/2010/09/hindi-diwas-matribhasha-rashtrabhasha.html
– प्रकाश ‘पंकज’
Bahut sundar geet
main nanhi blogger
अनुष्का
jai hind jai hindi
@ Ravi Ji,
चर्चा के लिए आभार.
राजभाषा -मातृभाषा हिंदी के प्रति आपकी भावनाएं उत्तम हैं.
लाजवाब बाल-गीत..के.के. भाई को शुभकामनायें.
हम सबकी है यह अभिलाषा
हिन्दी बने राष्ट्र की भाषा
आओ सब गुणगान करें
सब मिलकर सम्मान करें।
....सार्थक सन्देश देती सुन्दर कविता...मुबारकवाद.
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