Wednesday 13 November, 2013

बच्चे बनाएंगे डाक टिकट के लिए पेंटिंग


यदि आप चाहते हैं कि आपकी बनाई हुई पेंटिंग डाक टिकट के रूप में जारी हो तो यह अवसर लेकर आया है डाक विभाग। डाक विभाग देशव्यापी स्तर पर ‘‘स्टैम्प डिजाइन‘‘ प्रतियोगिता करवा रहा है जिसमें सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग को अगले वर्ष बाल दिवस पर डाक टिकट के रूप में जारी किया जायेगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग वर्ष 1998 से यह आयोजन करवा रहा है और इसके माध्यम से डाक टिकटों के प्रति बच्चों एवं विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है ।

डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि इस वर्ष की थीम ''एक दिन अपने दादा-दादी के साथ'' है जिस पर विद्यार्थियों को पेंटिंग बनानी है। यह पेटिंग स्याही, वाटर कलर, आयल कलर या किसी अन्य माध्यम से बनायी जा सकती है। प्रतियोगी ड्रांइग पेपर, आर्ट पेपर या अन्य किसी भी प्रकार का पेपर पेंटिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते है। प्रतिभागियों को उक्त विषय पर मौलिक डिजायन ही बनानी है। निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि सभी विद्यार्थियों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है - कक्षा 4 तक के विद्यार्थी, कक्षा 5 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थी एवं कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थी। सभी श्रेणियों में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्तर पर क्रमशः 10,000, 6,000 एवं 4,000 रूपये के तीन-तीन पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर पर दिये जायेंगे। राष्ट्रीय स्तर पर चुनी गयी पुरस्कृत प्रविष्टियों के आधार पर ही अगले वर्ष बाल दिवस पर डाक टिकट, प्रथम दिवस आवरण एवं मिनियेचर शीट इत्यादि का प्रकाशन किया जायेगा। 

निदेशक डाक सेवाएं, इलाहाबाद परिक्षेत्र, श्री कृष्ण कुमार यादव ने आगे बताया कि इलाहाबाद परिक्षेत्र के सभी डाक मण्डलों में उक्त प्रतियोगिता 16 नवम्बर 2013 दिन शनिवार को प्रातः 1100 बजे आयोजित होगी। यह प्रतियोगिता इलाहाबाद प्रधान डाकघर, वाराणसी प्रधान डाकघर, प्रतापगढ़ प्रधान डाकघर, जौनपुर प्रधान डाकघर, मिर्जापुर प्रधान डाकघर एवं गाजीपुर प्रधान डाकघर में आयोजित की जाएगी। 

Sunday 3 November, 2013

जगमग-जगमग करते दीपक



जगमग-जगमग करते दीपक
लगते कितने मनहर प्यारे,
मानों आज उतर आये हैं
अम्बर से धरती पर तारे !

दीपों का त्योहार मनुज के
अतंर-तम को दूर करेगा,
दीपों का त्योहार मनुज के
नयनों में फिर स्नेह भरेगा!

धन आपस में बाँट-बूट कर
एक नया नाता जोड़ेंगे,
और उमंगों की फुलझड़ियाँ
घर-घर में सुख से छोड़ेंगे !

दीपावलि का स्वागत करने
आओ हम भी दीप जलाएँ,
दीपावलि का स्वागत करने
आओ हम भी नाचे गाएँ !

-महेन्द्र भटनागर-