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Wednesday, 16 November 2011

सबसे कम उम्र में 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' का कीर्तिमान अक्षिता (पाखी) के नाम

(बाल दिवस, 14 नवम्बर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में महिला और बाल विकास मंत्री माननीया कृष्णा तीरथ जी ने हमारी बिटिया अक्षिता (पाखी) को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011 से पुरस्कृत किया. अक्षिता इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की प्रतिभा है.यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया.प्रस्तुत है इस पर एक रिपोर्ट-





आज के आधुनिक दौर में बच्चों का सृजनात्मक दायरा बढ़ रहा है. वे न सिर्फ देश के भविष्य हैं, बल्कि हमारे देश के विकास और समृद्धि के संवाहक भी. जीवन के हर क्षेत्र में वे अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं. बेटों के साथ-साथ बेटियाँ भी जीवन की हर ऊँचाइयों को छू रही हैं. ऐसे में वर्ष 1996 से हर वर्ष शिक्षा, संस्कृति, कला, खेल-कूद तथा संगीत आदि के क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले बच्चों हेतु हेतु महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' आरम्भ किये गए हैं। चार वर्ष से पन्द्रह वर्ष की आयु-वर्ग के बच्चे इस पुरस्कार को प्राप्त करने के पात्र हैं.

वर्ष 2011 के लिए 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा प्रदान किये गए. विभिन्न राज्यों से चयनित कुल 27 बच्चों को ये पुरस्कार दिए गए, जिनमें मात्र 4 साल 8 माह की आयु में सबसे कम उम्र में पुरस्कार प्राप्त कर अक्षिता (पाखी) ने एक कीर्तिमान स्थापित किया. गौरतलब है कि इन 27 प्रतिभाओं में से 13 लडकियाँ चुनी गई हैं. सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारतीय डाक सेवा के निदेशक और चर्चित लेखक, साहित्यकार, व ब्लागर कृष्ण कुमार यादव एवं लेखिका व ब्लागर आकांक्षा यादव की सुपुत्री और पोर्टब्लेयर में कारमेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा अक्षिता (पाखी) को यह पुरस्कार कला और ब्लागिंग के क्षेत्र में उसकी विलक्षण उपलब्धि के लिए दिया गया है. इस अवसर पर जारी बुक आफ रिकार्ड्स के अनुसार- ''25 मार्च, 2007 को जन्मी अक्षिता में रचनात्मकता कूट-कूट कर भरी हुई है। ड्राइंग, संगीत, यात्रा इत्यादि से सम्बंधित उनकी गतिविधियाँ उनके ब्लाॅग ’पाखी की दुनिया (http://pakhi-akshita.blogspot.com/) पर उपलब्ध हैं, जो 24 जून, 2009 को आरंभ हुआ था। इस पर उन्हें अकल्पनीय प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। 175 से अधिक ब्लाॅगर इससे जुडे़ हैं। इनके ब्लाॅग 70 देशों के 27000 से अधिक लोगों द्वारा देखे गए हैं। अक्षिता ने नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में 2010 का ’हिंदी साहित्य निकेतन परिकल्पना का सर्वोत्कृष्ट पुरस्कार’ भी जीता है।इतनी कम उम्र में अक्षिता के एक कलाकार एवं एक ब्लाॅगर के रूप में असाधारण प्रदर्शन ने उन्हें उत्कृष्ट उपलब्धि हेतु 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार, 2011' दिलाया।''इसके तहत अक्षिता को भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया.

यही नहीं यह प्रथम अवसर था, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया गया. अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' (www.pakhi-akshita.blogspot.com/) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है और इस ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.

नन्हीं बिटिया अक्षिता (पाखी) को इस गौरवमयी उपलब्धि पर ढेरों प्यार और शुभाशीष व बधाइयाँ !!
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मंत्री जी भी अक्षिता (पाखी) के प्रति अपना प्यार और स्नेह न छुपा सकीं, कुछ चित्रमय झलकियाँ....
















Wednesday, 9 November 2011

'बाल-दिवस' पर नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार


प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती. तभी तो पाँच वर्षीया नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) को वर्ष 2011 हेतु राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (National Child Award) के लिए चयनित किया गया है. सम्प्रति अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारतीय डाक सेवा के निदेशक और चर्चित लेखक, साहित्यकार, व ब्लागर कृष्ण कुमार यादव एवं लेखिका व ब्लागर आकांक्षा यादव की सुपुत्री अक्षिता को यह पुरस्कार 'कला और ब्लागिंग' (Excellence in the Field of Art and Blogging) के क्षेत्र में शानदार उपलब्धि के लिए बाल दिवस, 14 नवम्बर 2011 को विज्ञानं भवन, नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीर्थ जी द्वारा प्रदान किया जायेगा. इसके तहत अक्षिता को 10,000 रूपये नकद राशि, एक मेडल और प्रमाण-पत्र दिया जायेगा.

यह प्रथम अवसर होगा, जब किसी प्रतिभा को सरकारी स्तर पर हिंदी ब्लागिंग के लिए पुरस्कृत-सम्मानित किया जायेगा. अक्षिता का ब्लॉग 'पाखी की दुनिया' (www.pakhi-akshita.blogspot.com/) हिंदी के चर्चित ब्लॉग में से है. फ़िलहाल अक्षिता पोर्टब्लेयर में कारमेल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में के. जी.- प्रथम की छात्रा हैं और उनके इस ब्लॉग का सञ्चालन उनके माता-पिता द्वारा किया जाता है, पर इस पर जिस रूप में अक्षिता द्वारा बनाये चित्र, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ और अक्षिता की बातों को प्रस्तुत किया जाता है, वह इस ब्लॉग को रोचक बनता है.

नन्हीं ब्लागर अक्षिता (पाखी) को इस गौरवमयी उपलब्धि पर अनेकोंनेक शुभकामनायें और बधाइयाँ !!

- दुर्ग विजय सिंह 'दीप'
उपनिदेशक-आकाशवाणी (समाचार प्रभाग)
, आल इण्डिया रेडियो, पोर्टब्लेयर
अंडमान-निकोबार द्वीप समूह.

Friday, 25 March 2011

सब हैप्पी बर्थ-डे गाओ...


जन्मदिन है पाखी का
खूब करो धमाल
जमके आज खाओ सब
हो जाओ लाल-लाल।

सब हैप्पी बर्थ-डे गाओ
मस्ती करो, मौज मनाओ
पाखी, तन्वी, कुहू, ख़ुशी
सब मिलकर बैलून फुलाओ।

आईसक्रीम और केक खाओ
कोई भी न मुँह फुलाओ
कितना प्यारा बर्थ-डे केक
सब हैप्पी बर्थ-डे गाओ।


Thursday, 16 September 2010

बच्चों से जुड़े ब्लॉग अब प्रिंट-मीडिया में भी चर्चित


बच्चों की बात ही निराली होती है. फिर बच्चों से जुड़े ब्लॉग भी तो निराले हैं. अब तो बाकायदा इनकी चर्चा प्रिंट-मीडिया में भी होने लगी है. 'हिंदुस्तान' अख़बार के दिल्ली संस्करण में 16 सितम्बर, 2010 को प्रकाशित भारत मल्होत्रा के लेख 'ब्लॉग की क्रिएटिव दुनिया' में बच्चों से जुड़े ब्लॉगों की भरपूर चर्चा की गई है. इसमें 'बाल-दुनिया' की भी चर्चा की गई है, इसके लिए आभार !!
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दोस्तो, तुम्हें याद होगा कि कुछ समय पहले हमने तुम्हें बताया था कि तुम अपना ब्लॉग कैसे बना सकते हो। जब हमने नेट पर सर्च किया तो पाया कि ऐसे बहुत से ब्लॉग बच्चों के हैं। कुछ बच्चे खुद ही अपने ब्लॉग को अपडेट करते हैं तो कुछ टेक्निकल जानकारी न होने की वजह से अपने पेरेंट्स या फिर किसी बड़े की मदद ले रहे हैं। जब हमने इन ब्लॉग्स को देखा तो वे बेहद रोचक लगे। कोई अपने पिकनिक पिक्चर नेट पर शेयर कर रहा है तो कोई बता रहा है कि किसी परिणाम से पहले उसे कैसा महसूस हुआ। पेंटिंग, कहानी, कविता, जोक्स आदि जो मन करता है, अपने ब्लॉग पर लिख रहे हैं। चलो मिलते हैं ऐसे ही कुछ बच्चों से, जो किसी स्टार से कम नहीं। भारत मल्होत्रा की रिपोर्ट।

दोस्तो, जब तुम इन ब्लॉग्स की सैर करोगे तो पाओगे कि तुम्हारी ही उम्र के बच्चे अपनी क्रिएटिविटी को कैसे दुनिया भर के लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही यहां होंगे कुछ ऐसे ब्लॉग्स, जो तुम्हारे लिये बेहद फायदेमंद होंगे और जिन्हें पढ़ना तुम्हारे लिये फायदे का सौदा होगा। इनमें कविता है, ड्रॉइंग है, मजेदार कहानियां हैं और सीखने को है बहुत कुछ। वे पापा से चॉकलेट मांगते हैं और मम्मी को तंग करते हैं। दादा-दादी के लाडले हैं और नानी के घर जाकर खूब ऊधम भी मचाते हैं। लेकिन इस सबके बाद भी ब्लॉगिंग भी करते हैं। तो चलो आज कुछ ऐसे ही नन्हे ब्लॉगर्स से मिला जाये-
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http://akshaysdream.blogspot.com/
नवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र अक्षय का यह ब्लॉग है। वह कहते हैं कि ब्लॉग बनाने की प्रेरणा मुझे अपनी मम्मी से मिली। दरअसल मम्मा जब भी कंप्यूटर में ब्लॉग पर कुछ-कुछ टाइप कर रही होती थीं तो मुझे यह देख कर बहुत अच्छा लगा। मैंने मम्मा से कहा कि मुझे भी बताओ कि कैसे आप टाइप कर लेती हैं। एक खास तरह के फॉन्ट पर मम्मा ने टाइप करना मुझे सिखा दिया। फिर क्या था, मैं जो कविताएं कागज पर लिखा करता था, वह मैं अपने ब्लॉग पर करने लगा। 2007 में बने इस ब्लॉग पर मेरी कविताओं के लिए लगातार कमेंट्स आ रहे हैं। इस ब्लॉग पर मैं कविताओं के अलावा ड्रॉइंग भी बनाता हूं। मैंने अपने ब्लॉग का लिंक अपने ऑरकुट अकाउंट पर दिया हुआ है ताकि मेरे दोस्त भी ब्लॉग के लिंक पर क्लिक करें। देखा दोस्तो, अक्षय अपने ब्लॉग को लेकर कितना उत्साहित है।

http://www.pakhi-akshita.blogspot.com/
इस ब्लॉग के बाद नाम आता है अक्षिता यादव का। अक्षिता का प्यार का नाम पाखी है, यानी चिड़िया। उसकी उम्र तो बेहद कम है, लेकिन हिन्दी ब्लॉगिंग में वो एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी है। अक्षिता के ब्लॉग पाखी की दुनिया पर क्लिक करके पहुंचा जा सकता है। इसमें उसकी रोजमर्रा की कहानी भी होती है। बात टीचर्स डे मनाने की हो या फिर जन्माष्टमी की खुशियां मनाने की, अक्षिता हर भावना को व्यक्त करने में कामयाब रही है। इसके साथ ही उसके ब्लॉग पर उसके बनाये चित्र भी देखे जा सकते हैं।

खूबसूरती से रंग भरती है अक्षिता।

अक्षिता अपने मम्मी-पापा के साथ पोर्ट-ब्लेयर में रहती है, लेकिन उसके मम्मी -पापा दोनों ब्लॉगिंग करते हैं। अक्षिता को प्लेयिंग, ड्रॉइंग के साथ-साथ घूमना-फिरना भी बेहद पसंद है, इसके साथ ब्लॉगिंग से तो उसे प्यार है ही। अक्षिता का ब्लॉग बेहद पॉपुलर है और फिलहाल हिन्दी के टॉप 150 ब्लॉगों में से एक है। तुम्हें पता है कि पाखी की तस्वीर तो बच्चों की एक मैगजीन के कवर पर भी छप चुकी है। बहुत पसंद किया जाता है पाखी को। कई अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं में पाखी के नाम का जिक्र हो चुका है।

पाखी यह भी कहती है कि ब्लॉगिंग करने से उनके बाकी कामों पर कोई असर नहीं पड़ता। वो पढ़ाई-लिखाई और खेल-कूद के लिये पूरा वक्त निकाल लेती है। ब्लॉग पर उसके काम को देखते हुए उसे एक संस्थान की ओर से 2010 की सर्वश्रेष्ठ नन्ही ब्लॉगर का इनाम भी मिल चुका है। है, न मजेदार बात। हां, एक जरूरी बात, अक्षिता क्यों कि अभी छोटी है, इसलिये अपनी बातें और विचार ब्लॉग पर उतारने के लिये उसे अपने माता-पिता की मदद लेनी पड़ती है।

http://balduniya.blogspot.com/
यूआरएल पर जाकर तुम्हें निराश नहीं होना पड़ेगा। ये ब्लॉग पूरी तरह से तुम्हारे लिये ही हैं। इस पर तुम्हारे लिये ढेरों कवितायें भरी पड़ी हैं। इसके साथ ही कई मजेदार जानकारियां भी हैं, जैसे- हैप्पी बर्थडे गीत की शुरुआत कैसे हुई? फ्रैंडशिप डे के पीछे कौन सी कहानी छुपी है? यह क्यों मनाया जाता है? इसकी शुरुआत कैसे हुई?

इसमें कई रचनायें तो तुम्हारी उम्र के बच्चों की ओर से की गयी हैं। हां, अगर तुम चाहो तो तुम भी अपनी रचना, ड्रॉइंग आदि इस ब्लॉग पर भेज सकते हो, फिर वो तुम्हारे नाम से उसे यहां लगा देंगे। क्यों, है न मजेदार।

http://riddhisingh.blogspot.com/
ब्लॉग देखने में बेहद खूबसूरत लगता है। इसे एक बार देखने से यही लगता है कि कोई बड़ा इस छोटे से बच्चे की भावनाओं को, उसकी बातों को और उसकी शरारतों को तुम तक पहुंचाता है। क्योंकि यह ब्लॉग तुम जैसे ही किसी बच्चे का है, इसलिए वहां कुछ तुम्हें पसंद आए तो कमेंट जरूर करना। मौज-मस्ती से भरपूर यह ब्लॉग तुम्हारा मनोरंजन जरूर करेगा।

http://balsajag.blogspot.com/
बाल सजग एक ऐसा ब्लॉग है, जो बना है सिर्फ तुम बच्चों के लिए। इसकी टीम में सभी मजदूर बच्चे हैं, जो काम करते हैं और साथ ही कवितायें-कहानियां भी कहते हैं। इस ब्लॉग पर आने के बाद तुम्हें अहसास होगा कि भले ही इन बच्चों के पास सुविधाओं की कमी हो, लेकिन टेलेंट की कोई कमी नहीं है। ये बच्चे पेड़ लगाने का मैसेज भी देते हैं और नेताओं पर व्यंग्य भी करते हैं। हां, इनकी भाषा बिल्कुल तुम्हारे जैसी है- सिंपल। इस ब्लॉग पर एक बार आकर देखो, तुम्हें मजा आ जायेगा।

http://saraspaayas.blogspot.com/
इस ब्लॉग को हम लोगों तक पहुंचाने के लिए यह बच्चा अपने पेरेंट्स की मदद लेता है। यह ब्लॉग है रावेंद्र कुमार रवि का, लेकिन है ये तुम्हारे लिये। इसमें कई बच्चों के ब्लॉग के लिंक हैं और साथ ही मजेदार कवितायें भी हैं। इसके साथ ही मजेदार बातें तो हैं ही।

http://nanhaman.blogspot.com/
नन्हा मन इस ब्लॉग का नाम है। ब्लॉग की दुनिया में तुम लोगों के लिये यह एक ऐसा ब्लॉग है, जहां तुम्हारे मनोरंजन का खास ख्याल रखा गया है। और अगर तुम चाहते हो कि तुम्हारी कोई रचना यहां छपे तो nanhaman@gmail.com पर उसे मेल भी कर सकते हो।

दोस्तो, हो सकता है कि तुम्हें अच्छी कहानी, कविता लिखनी आती हो। तुम में से कुछ बच्चे अच्छी पेंटिंग करना भी जानते होंगे। लेकिन जब बात आती है इन सारी चीजों को कंप्यूटर में अपलोड करने की तो हो सकता है तुम्हें इसकी टेक्निकल जानकरी न हो। इस काम के लिए बड़ों की मदद लेने में मत हिचकना। जो बच्चे कंप्यूटर में ब्लांगिग करना चाहते हैं, वे बड़ों को देख-देख एक दिन खुद-ब-खुद एक्सपर्ट हो जाएंगे। हिन्दी में बच्चों के और ब्लॉग्स के लिये क्लिक करें
http://hindikids.feedcluster.com

साभार : Live हिंदुस्तान. com

Thursday, 15 July 2010

वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही ब्लॉगर का ख़िताब अक्षिता (पाखी) को

आइये आज आपको मिलवाते हैं, लोकसंघर्ष-परिकल्पना द्वारा आयोजित ब्लागोत्सव-2010 में वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा का ख़िताब पाई अक्षिता (पाखी) से. अक्षिता के बारे में लिखी इन पंक्तियों पर गौर करें- एक ऐसी नन्ही ब्लोगर जिसके तेवर किसी परिपक्व ब्लोगर से कम नहीं....जिसकी मासूमियत में छिपा है एक समृद्ध रचना संसार...जो अपने मस्तिष्क की आग को बड़ी होकर पूरी दुनिया के हृदय तक पहुंचाना चाहती है....जानते हैं कौन है वो ?
वह है हमारी, आपकी,सबकी लाडली अक्षिता....
यानी अक्षिता पाखी , जिसे हम ब्लोगोत्सव -२०१० में प्रकाशित रचनाओं की श्रेष्ठता के आधार पर "वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही ब्लोगर" के रूप में सम्मानित करने का निर्णय लिया है।

(लोकसंघर्ष परिकल्पना सम्मान : वर्ष का श्रेष्ठ नन्हा ब्लोगर शीर्षक से परिकल्पना ब्लॉग पर रविन्द्र प्रभात द्वारा प्रकाशित)
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अब चलिए सितारों की महफ़िल में भी अक्षिता (पाखी) से मिलते हैं-
अक्षिता पाखी हिंदी ब्लॉग जगत की एक ऐसी मासूम चिट्ठाकारा, जिसकी कविताओं और रेखाचित्र से ब्लोगोत्सव की शुरुआत हुयी और सच्चाई यह है कि उसकी रचनाओं की प्रशंसा हिंदी के कई महत्वपूर्ण चिट्ठाकारों से कहीं ज्यादा हुयी । यदि अक्षिता को ब्लोगोत्सव का सुपर स्टार कहा जाए तो शायद न कोई अतिश्योक्ति होगी और न शक की गुंजाईश ही । इसीलिए उसे ब्लोगोत्सव की टीम ने "वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा" का खिताब देते हुए सम्मानित करने का निर्णय लिया है । "जानिये अपने सितारों को" के अंतर्गत आज प्रस्तुत है उनसे पूछे गए कुछ व्यक्तिगत प्रश्नों के उत्तर-
(१) पूरा नाम :अक्षिता
(२) पिता/माता का नाम :श्री कृष्ण कुमार यादव/ श्रीमती आकांक्षा यादव
(३) वर्तमान पता :द्वारा श्री कृष्ण कुमार यादव, निदेशक डाक सेवाएँ, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पोर्टब्लेयर-744101
(३) ई मेल का पता :akshita_06@rediffmail.com
(३) टेलीफोन/मोबाईल न।: 09476046232
(४) प्रमुख व्यक्तिगत ब्लॉग :पाखी की दुनिया (http://pakhi-akshita.blogspot.com/)
(५) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त अन्य ब्लॉग पर गतिविधियों का विवरण :
ब्लागोत्सव में ड्राइंग व बाल-कविता
ताऊजी डाट काम पर बाल-कविता
(http://www.taauji.com/2010/05/blog-post_02.html),
सरस प्यास पर मेरी ड्राइंग और उस पर लिखा गया शिशु गीत
(http://saraspaayas.blogspot.com/2010/06/blog-post_11.html)
(६) अपने ब्लॉग के अतिरिक्त आपको कौन कौन सा ब्लॉग पसंद है ?
शब्द-शिखर, शब्द सृजन की ओर, उड़न तश्तरी, परिकल्पना, माँ, सरस पायस, ब्लागोत्सव-2010, उत्सव के रंग, डाकिया डाक लाया, आदित्य, माधव, नन्हा मन, बाल सजग, दीन दयाल शर्मा, बाल संसार, फुलबगिया, नन्हें सुमन, बाल सभा, बाल उद्यान, युवा-मन, सप्तरंगी प्रेम, नन्हे मुन्हे, नव सृजन, गीत सहित ढेर सारे।
(७) ब्लॉग पर कौन सा विषय आपको ज्यादा आकर्षित करता है?
बच्चों से जुडी रचनाएँ, ड्राइंग, चर्चा इत्यादि ।
(८) आपने ब्लॉग कब लिखना शुरू किया ?
जून, २००९
(९) यह खिताब पाकर आपको कैसा महसूस हो रहा है ?
बहुत अच्छा लग रहा है।
(१०) क्या ब्लोगिंग से आपकेमें अथवा अन्य आवश्यक कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होता ?
नहीं।
(११) ब्लोगोत्सव जैसे सार्वजनिक उत्सव में शामिल होकर आपको कैसा लगा ?
बहुत अच्छा।
(१२) आपकी नज़रों में ब्लोगोत्सव की क्या विशेषताएं रही ?
बड़ों के साथ-साथ बच्चों की रचनाएँ इत्यादि भी प्रस्तुत करना।
(१३) ब्लोगोत्सव में वह कौन सी कमी थी जो आपको हमेशा खटकती रही ?
कोई नहीं।
(१४) ब्लोगोत्सव में शामिल किन रचनाकारों ने आपको ज्यादा आकर्षित किया ?
सबने, सबकी रचनाएँ अच्छी लगी ....!
(१५) किन रचनाकारों की रचनाएँ आपको पसंद नहीं आई ?
कहा न , सबकी रचनाएँ बहुत अच्छी थी ....!
(१६) क्या इस प्रकार का आयोजन प्रतिवर्ष आयोजित किया जाना चाहिए ?
हाँ , मगर बच्चों की भागीदारी ज्यादा होनी चाहिए
(१७) आप कुछ अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बताएं :
मेरा नाम अक्षिता है। मम्मी-पापा मुझे प्यार से 'पाखी' नाम से बुलाते हैं।मेरा जन्म 25 मार्च, 2007 को को कानपुर में हुआ। मेरा पैतृक स्थान आजमगढ़ है, फ़िलहाल अपने मम्मी-पापा के साथ पोर्टब्लेयर में हूँ। यहाँ में कारमेल स्कूल में नर्सरी में पढ़ती हूँ। मेरी रुचियाँहैं- प्लेयिंग, डांसिंग, ड्राइंग, ट्रेवलिंग, ब्लागिंग, अच्छी-अच्छी रचनाएँ पढना व उन्हें समझने की कोशिश करना।
(१८) चिट्ठाकारी से संवंधित क्या कोई ऐसा संस्मरण है जिसे आप इस अवसर पर सार्वजनिक करना चाहती हैं ?
ब्लोगिंग में कई ऐसे लोग हैं, जिनसे न तो मैं कभी मिली या फोन पर बात की। पर उनका स्नेह देखकर लगता है कि मानो हम उन्हें लम्बे समय से जानते हों। इसी क्रम में बाल साहित्यकार व ब्लोगर दीनदयाल शर्मा अंकल जी ने अपनी बाल-गीतों की पुस्तक 'चूं-चूं' के कवर पेज पर मेरा फोटो लगाया, यह मेरे लिए यादगार पल रहेगा। ऐसे ही एक दिन मेरी ममा के ब्लॉग 'शब्द-शिखर' पर समीर लाल अंकल जी ने टिपण्णी की कि आज पाखी मुँह क्यों फुलाए हुए है, मैंने लिखा कि आज तक आपने मेरे लिए कोई कविता नहीं लिखी और शाम तक समीर अंकल जी ने प्यारी सी कविता लिखकर मेल कर दी। ऐसे ही रावेन्द्र कुमार 'रवि' अंकल जी ने मेरी ड्राइंग पर एक शिशु-गीत ही रच दिया. दो बातें ब्लागोत्सव-२०१० से जुडी हुई कभी नहीं भूलूंगी -पहली, जब पहली बार मैंने इस ब्लॉग उत्सव के बारे में सुना था तो बड़ी उदास हुई थी कि हम बच्चों के लिए वहाँ कुछ नहीं है। फिर मैंने आपको लिखा कि- हम बच्चे इसमें अपनी ड्राइंग या कुछ भेज सकते हैं कि नहीं। जवाब में आप ने लिखा कि अक्षिता जी! क्षमा कीजिएगा बच्चों के लिए तो मैंने सोचा ही नहीं जबकि बिना बच्चों के कोई भी अनुष्ठान पूरा ही नही होता, इसलिए आप और आपसे जुड़े हुए समस्त बच्चों को इसमें शामिल होने हेतु मेरा विनम्र निवेदन है...यह पढ़कर अच्छा लगा कि एक नन्हीं सी बच्ची की बातों को आपने कितने गंभीरता से लिया और बच्चों की इंट्री भी इस उत्सव में सुनिश्चित हो गई. ब्लागोत्सव में पहले दिन ही ''कला दीर्घा में आज : अक्षिता(पाखी) की अभिव्यक्ति'' और उस पर प्राप्त ढेर सारे कमेन्ट देखकर मन प्रफुल्लित हो गया. इन सब संस्मरणों को मैं नहीं भूल सकती।
(19) अपनी कोई पसंदीदा रचना की कुछ पंक्तियाँ सुनाएँ :
गौरैया रोज तिनका लाती
प्यारा सा घोंसला बनाती।
चूं-चूं करते उसके बच्चे
चोंच से खाना खिलाती।

बहुत बहुत धन्यवाद पाखी .....इस अवसर पर ऋग्वेद की दो पंक्तियां आपको समर्पित है कि - ‘‘आयने ते परायणे दुर्वा रोहन्तु पुष्पिणी:। हृदाश्च पुण्डरीकाणि समुद्रस्य गृहा इमें ।।’’अर्थात आपके मार्ग प्रशस्त हों, उस पर पुष्प हों, नये कोमल दूब हों, आपके उद्यम, आपके प्रयास सफल हों, सुखदायी हों और आपके जीवन सरोवर में मन को प्रफुल्लित करने वाले कमल खिले।
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प्रस्तुति : रवीन्द्र प्रभात

(..तो कैसी लगी 'बाल-दुनिया' में वर्ष की श्रेष्ठ नन्ही चिट्ठाकारा अक्षिता (पाखी) से मुलाकात. अपने कमेन्ट जरुर लिखियेगा. यदि आप भी चाहते हैं कि आपकी प्रतिभा के बारे में लोग रु-ब-रु हों, तो हमें जरुर लिखें.)