Tuesday 11 October, 2011

चिड़िया रानी


ची- ची करती चिड़िया रानी,
बच्चों के संग रहती है,
खेल-कूद कर उनके संग,
दाना चुनकर लाती है,
कित्ती मेहनत करती देखो,
श्रम का पाठ पढ़ाती है,
शाम-सवेरे चिड़िया रानी,
नील गगन पर उड़ती है,
बच्चों, तुम भी ऐसे बन जाओ,
मेहनत करो, सफलता पाओ।।

-वृंदा गांधी

6 comments:

मुकेश कुमार सिन्हा said...

pyari si rachna........

Patali-The-Village said...

बहुत सुन्दर, प्यारी सी बाल कविता| धन्यवाद|

Unknown said...

पढ़कर मन प्रसन्न हो गया..सुन्दर बाल-गीत..बधाई.

Unknown said...

पढ़कर मन प्रसन्न हो गया..सुन्दर बाल-गीत..बधाई.

Shyama said...

बच्चों, तुम भी ऐसे बन जाओ,
मेहनत करो, सफलता पाओ।।

गीत भी..सन्देश भी..बधाई.

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

सुन्दर सन्देश प्यारी मनमोहक रचना ...
आओ बच्चों खेलें कूदें
जी भर मौज मनाएं
क्या जाने कल क्या कुछ करना
बूढ़े ना हो जाएँ ...ह हां
भ्रमर ५