Wednesday, 26 October 2011

जंगल में दीवाली - कृष्ण कुमार यादव


जंगल में मनी दीवाली
चारों तरफ फैली खुशहाली
शेर ने पटाखे छुड़ाये
लोमड़ी ने दिये जलाये

बन्दर करता खूब धमाल
भालू नाचे अपनी चाल
हाथी सब खा गया मिठाई
गिलहरी ने रोनी सूरत बनाई

शेर गरजे पानी बरसे
होती हाथी की ढुंढ़ाई
तब तक लोमड़ी मिठाई लाई
मिल-बाँट कर सबने खाई।


कृष्ण कुमार यादव

Tuesday, 11 October 2011

चिड़िया रानी


ची- ची करती चिड़िया रानी,
बच्चों के संग रहती है,
खेल-कूद कर उनके संग,
दाना चुनकर लाती है,
कित्ती मेहनत करती देखो,
श्रम का पाठ पढ़ाती है,
शाम-सवेरे चिड़िया रानी,
नील गगन पर उड़ती है,
बच्चों, तुम भी ऐसे बन जाओ,
मेहनत करो, सफलता पाओ।।

-वृंदा गांधी

Saturday, 8 October 2011

माँ - दीनदयाल शर्मा


माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान।।

दुनिया का दरसन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।

दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान।।

मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान।।

कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान।।

-दीनदयाल शर्मा,

10/22 आर.एच.बी. कॉलोनी,
हनुमानगढ़ जंक्शन-335512
राजस्थान, भारत