Tuesday, 1 March 2011

गुलाब की प्यारी खुशबू : कृष्ण कुमार यादव


गुलाब की प्यारी खुशबू
ने ऐसा रंग जमाया
फूलों में बन सर्वोत्तम
फूलों का राजा कहलाया।

सफेद,गुलाबी,पीले,लाल
हर रंग में ये आए
एक बार जो देखे इनको
मन ही मन हर्षाये।

कांटों में गुलाब पलता है
कष्टों में गुलाब चलता है
बच्चों अपनाओं इस गुण को
जीवन इसी तरह चलता है।

13 comments:

OM KASHYAP said...

सुंदर सन्देश देती बढ़िया प्रस्तुती.

प्रवीण पाण्डेय said...

गुलाब के रंगों सा आपका जीवन उपवन महके।

निर्मला कपिला said...

पाखी का जीवन भी गुलाब जैसी खुश्बू बिखेरे। बहुत अच्छी लगी कविता। बधाई।

Atul Shrivastava said...

अच्‍छी सीख देती रचना।

Amit Chandra said...

बहुत ही सुन्दर।

S R Bharti said...

गुलाब की प्यारी खुशबू
ने ऐसा रंग जमाया
फूलों में बन सर्वोत्तम
फूलों का राजा कहलाया।


अच्‍छी सीख देती रचना।

रावेंद्रकुमार रवि said...

गुलाब की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता है,
उसमें सौंदर्य और सुगंध दोनों का होना!

Patali-The-Village said...

सुंदर सन्देश देती बढ़िया प्रस्तुती| धन्यवाद|

Unknown said...

खूबसूरत कविता..सुन्दर सन्देश..के.के. जी को बधाई.

Unknown said...

यह गुलाब तो वाकई सुन्दर है, पर पाखी से ज्यादा नहीं.

Kailash Sharma said...

सुन्दर सन्देश देती बहुत ख़ूबसूरत कविता...

raghav said...

कृष्ण कुमार सर जी की रचनाएँ अक्सर पढ़ते रहते हैं. वाकई वे एक प्रतिभाशाली रचनाकार हैं. इस सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाइयाँ.

raghav said...

पाखी का चित्र गुलाब के साथ...लाजवाब.