तीन रंगों का प्यारा झण्डा
राष्ट्रीय ध्वज है कहलाता
केसरिया, सफेद और हरा
आन-बान से यह लहराता
चौबीस तीलियों से बना चक्र
प्रगति की राह है दिखाता
समृद्धि और विकास के सपने
ले ऊँचे नभ में सदा फहराता
अमर शहीदों की वीरता और
बलिदान की याद दिलाता
कैसे स्वयं को किया समर्पित
इसकी झलक दिखलाता
आओ हम यह खायें कसम
शान न होगी इसकी कम
वीरों के बलिदानों को
व्यर्थ न जानें देंगे हम।
कृष्ण कुमार यादव
7 comments:
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
65वें स्वतन्त्रतादिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ!
सुन्दर प्रस्तुति।
स्वतंत्रता-दिवस पर शानदार पोस्ट..बधाई आजादी-जश्ने की.
स्वतंत्रता-दिवस पर शानदार पोस्ट..बधाई आजादी-जश्ने की.
आओ हम यह खायें कसम
शान न होगी इसकी कम
वीरों के बलिदानों को
व्यर्थ न जानें देंगे हम।
बहुत सुन्दर गीत..के.के. जी को बधाई.
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
HAPPY INDEPENDENCE DAY!
बहुत सुन्दर कविता!...स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
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