Monday, 15 August 2011

तिरंगे की शान : कृष्ण कुमार यादव


तीन रंगों का प्यारा झण्डा
राष्ट्रीय ध्वज है कहलाता
केसरिया, सफेद और हरा
आन-बान से यह लहराता

चौबीस तीलियों से बना चक्र
प्रगति की राह है दिखाता
समृद्धि और विकास के सपने
ले ऊँचे नभ में सदा फहराता

अमर शहीदों की वीरता और
बलिदान की याद दिलाता
कैसे स्वयं को किया समर्पित
इसकी झलक दिखलाता

आओ हम यह खायें कसम
शान न होगी इसकी कम
वीरों के बलिदानों को
व्यर्थ न जानें देंगे हम।

कृष्ण कुमार यादव

7 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
65वें स्वतन्त्रतादिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ!

प्रवीण पाण्डेय said...

सुन्दर प्रस्तुति।

Shahroz said...

स्वतंत्रता-दिवस पर शानदार पोस्ट..बधाई आजादी-जश्ने की.

Shahroz said...

स्वतंत्रता-दिवस पर शानदार पोस्ट..बधाई आजादी-जश्ने की.

Dr. Brajesh Swaroop said...

आओ हम यह खायें कसम
शान न होगी इसकी कम
वीरों के बलिदानों को
व्यर्थ न जानें देंगे हम।

बहुत सुन्दर गीत..के.के. जी को बधाई.

Dr. Brajesh Swaroop said...

स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
HAPPY INDEPENDENCE DAY!

रुनझुन said...

बहुत सुन्दर कविता!...स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!