उल्लू होता सबसे न्यारा,
दिखे इसे चाहे अँधियारा ।
लक्ष्मी का वाहन कहलाए,
तीन लोक की सैर कराए ।
हलधर का यह साथ निभाता,
चूहों को यह चट कर जाता ।
पुतली को ज्यादा फैलाए,
दूर-दूर इसको दिख जाए ।
पीछे भी यह देखे पूरा,
इसको पकड़ न पाए जमूरा ।
जग में सभी जगह मिल जाता,
गिनती में यह घटता जाता ।
ज्ञानीजन सारे परेशान,
कहाँ गए उल्लू नादान।।
संपर्क: 10/22, आर.एच.बी. कॉलोनी, हनुमानगढ़ जं., पिन कोड- 335512, राजस्थान,
मोबाइल - 09414514666
8 comments:
उल्लू होता सबसे न्यारा,
दिखे इसे चाहे अँधियारा ।
लक्ष्मी का वाहन कहलाए,
तीन लोक की सैर कराए ।
..Bahut sundar. Dindayal ji ko badhai.
लक्ष्मीजी को लेकर चले गये।
बहुत सुन्दर बाल कविता..
मेरी कविता आपके ब्लॉग पर लगाने के लिए आपका आभार..और जिन्हें ये कविता पसंद आ रही है ...उनका भी दिल से आभार..और धन्यवाद..
www.deendayalsharma.blogspot.com
वाह, कित्ता सुन्दर गीत..बधाई.
शर्मा जी तो बच्चों के लिए खूब लिखते हैं..बधाई.
आदरणीय दीन दयाल शर्मा जी अभिवादन -सुन्दर और प्यारी रचना - उल्लू महाराज सुन्दर -अच्छी जानकारी - सुख दायक -
आभार
शुक्ल भ्रमर ५
हलधर का यह साथ निभाता,
चूहों को यह चट कर जाता ।
पुतली को ज्यादा फैलाए,
दूर-दूर इसको दिख जाए
उल्लू की गाथा अच्छी लगी .|
सुधा भार्गव
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