Wednesday, 10 November 2010

अर्द्धचन्द्र - जितेन्द्र ‘जौहर’

रात पूछने लगा लाड़ला,
मम्मी से यह बात-
‘बतलाओ...माँ! चन्दा का क्यों,
दिखता आधा गात ?’


बोली माँ,‘दे दिया पजामा-
करने को कल साफ़।
इसीलिए आ गया आज वह,
पैंट पहनकर हाफ़।’


-जितेन्द्र ‘जौहर’,आई आर - 13/6, रेणुसागर, सोनभद्र (उप्र) 231218.

7 comments:

नीरज मुसाफ़िर said...

और जिस दिन पूरा गात दिखेगा?
उस दिन नंगा।

प्रवीण पाण्डेय said...

चाँद पैजामे में, वाह।

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत मासूम.... बहुत सुंदर...

arvind said...

vaah..bahut badhiya.

सदा said...

बहुत ही सुन्‍दर ।

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

सुंदर कल्‍पना।

---------
ब्‍लॉगर पंच बताएं, विजेता किसे बनाएं।

रानीविशाल said...

वाह ! बहुत सुन्दर ...
अनुष्का