Tuesday, 13 July 2010

बारिश का मजा : कृष्ण कुमार यादव


चिड़िया चहके, बगिया महके
चारों तरफ हुई हरियाली
बारिश के रिमझिम मौसम में
खुलकर झूमे डाली-डाली ।

आया सावन, आए बादल
मस्त पवन की देखो हलचल
गाना गाओ, झूला झूलो
पेंग बढ़ाकर नभ को छू लो।

बंटी, बबलू, पाखी आओ
सब बारिश का मजा उठाओ
छप-छप-छप खेलो पानी में
कागज की तुम नाव चलाओ।

12 comments:

रंजन (Ranjan) said...

अच्छा लगा ये नया ब्लॉग...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बाल दुनिया...बहुत सुन्दर है...बहुत अच्छा लगा यहाँ आ कर कि कुछ लोग बच्चों के लिए सार्थक प्रयास कर रहे हैं....

यह कविता बहुत सुन्दर लगी

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

@ रंजन जी,
@ संगीता स्वरुप (गीत) जी,

आप लोगों को हमारा यह प्रयास पसंद आया, इसके लिए आभार. आपके सहयोग की अपेक्षा बनी रहेगी.

Dr. Brajesh Swaroop said...

आया सावन, आए बादल
मस्त पवन की देखो हलचल
गाना गाओ, झूला झूलो
पेंग बढ़ाकर नभ को छू लो।
...माँ को भा गई कृष्ण कुमार जी की ये बाल-कविता..बधाई.

Bhanwar Singh said...

बारिश का मजा..बहुत खूब. के.के. साहब ने अच्छी कविता लिखी इस अवसर पर.

मन-मयूर said...

बेहतरीन कविता और खूबसूरत चित्र का सुन्दर सम्मिलन..बधाई स्वीकारें.

शरद कुमार said...

छप-छप-छप खेलो पानी में
कागज की तुम नाव चलाओ।
..यह पढ़कर तो बचपन के दिन याद आ गए. उम्दा रचना.

editor : guftgu said...

बारिश के आने का संकेत दे गई कृष्ण कुमार यादव जी की यह कविता.

S R Bharti said...

बारिश के इंतजार में के.के. सर जी की यह कविता पढ़कर मन-मयूर प्रसन्न हो गया..बधाई.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

इस बाल गीत से बोल-बोलकर काफी स्वाद लिया. बेहद स्वादिष्ट और कर्णप्रिय छंद.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

बहुत सुन्दर ! सराहनीय प्रयास !