फूलों और फलों का देश
मीठा स्वाद सलोना वेश
प्यारा प्यारा भारत देश।
पर्वत रखते हैं ऊँचाई
रत्नाकर रखते गहराई
नदियों में बहता है अमृत
निर्झर ने ताकत दिखलाई
मेघ माँगते हैं आदेश
हरा भरा करते परिवेश
प्यारा प्यारा भारत देश।
काली पीली कुछ सिन्दूरी
कहीं भुरभुरी गोरी भूरी
मिट्टी कोहनूर रखती है
फसलों ने की आशा पूरी
अन्नपूर्णा माँ का वेश
दानशीलता का संदेश
प्यारा प्यारा भारत देश।
यहाँ शारदा गीत सुनाती
माँ रणचण्डी हमें जगाती
कृतियों ने इतिहास रचाया
हम गाते हैं गीत प्रभाती
गंध भरे इसके अवशेष
नित्य नया न्यारा उन्मेष
प्यारा प्यारा भारत देश।
-डॉ० राष्ट्रबंधु
12 comments:
सच में प्यारा प्यारा भारत देश।
बहुत सुन्दर कविता ....हमारा प्यारा देश भारत ...
"प्यारा प्यारा भारत देश' - डॉ० राष्ट्रबंधु जी ने बड़ा प्यार गीत रचा है. भारत देश की विविधता को दर्शाता यह गीत वाकई गुनगुनाने का मन करता है.
राष्ट्रबंधु दादा का प्यारा सा गीत...प्यारा है.
हम गाते हैं गीत प्रभाती
गंध भरे इसके अवशेष
नित्य नया न्यारा उन्मेष
प्यारा प्यारा भारत देश।
..वाकई गुनगुनाने का मन करता है.
हम गाते हैं गीत प्रभाती
गंध भरे इसके अवशेष
नित्य नया न्यारा उन्मेष
प्यारा प्यारा भारत देश।
..वाकई गुनगुनाने का मन करता है.
डॉ० राष्ट्रबंधु तो बाल-मन के चितेरे हैं..सुन्दर कविता.
सुन्दर कविता.
बहुत ही सुन्दर कविता
जय हो..सुन्दर कविता..बधाई.
भारत देश की विविधता को दर्शाता यह गीत वाकई बहुत ही सुन्दर है...डॉ० राष्ट्रबंधु जी को बधाई...
रचा गया है प्यारा गीत
सच में मेरे मन का मीत
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