tag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post199677817059403846..comments2023-10-08T20:06:17.557+05:30Comments on बाल-दुनिया: प्यार से समझाएं बच्चों को..Krishna Kumar Yadavhttp://www.blogger.com/profile/01842872238751294010noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-80472075894264932892011-05-05T19:17:55.072+05:302011-05-05T19:17:55.072+05:30आकांक्षा जी निम्न बात आप की जायज है लेकिन देखा ये ...आकांक्षा जी निम्न बात आप की जायज है लेकिन देखा ये जाता है वास्तविक जिंदगी में की बच्चे तो बच्चे होते हैं आप उन्हें एक बार डांट देती हैं की फिर ऐसा करोगे तो मार पड़ेगी फिर गलती फिर वही बात आप कहती रहती हैं और वे जान जाते हैं की मम्मा या डैड मारेंगे तो है नहीं इसलिए वे गलती करते रहते हैं एक दो बार तो आप उन्हें छोड़ सकती हैं लेकिन फिर थोडा सख्ती या मार पड़े तो वे सुधर जाते हैं जो उनकी जिंदगी भर काम आता है <br /><br />गलती का एहसास कराने के लिए हिंसक होने की जरूरत नहीं है, प्यार से बताएं । प्यार हर काम को आसन करता है । यह मुश्किल तो है, लेकिन दुश्कर नहीं और परिणाम सौ प्रतिशतSurendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-26233737211842004492011-04-30T13:49:42.258+05:302011-04-30T13:49:42.258+05:30JAI SHRI KRISHNA.
Blessings to all Children. Enjo...JAI SHRI KRISHNA.<br /><br />Blessings to all Children. Enjoy this joke :-<br /><br />Kalmadi visits Antique shop (owned by Ronie, the naughty fellow). <br /><br />Kalmadi : I’m looking for something “unique” to be kept in my Drawing………. make others envious…..U know..... (winks).<br /><br />Ronie : Ok, Ok Sir, I got it……(assures and goes to Store Room; after a while, returns with “something” beautifully wrapped in a gift pack). <br /><br />Ronie : This is the only piece left…………SPECIALLY FOR YOU.<br />Kalmadi wanted to see it before parting Rs.50,000/- but Ronie won’t allow fearing leakage of its secrecy/uniqueness……instructs Kalmadi not to open it before reaching home. Finally Kalmadi makes payment and comes home wondering about the content. At home, he opens the pack.<br /><br />Kalmadi : What nonsense…….."old dusty leather sleeper and that too a single piece” ? <br /><br /><br />(Immediately makes a Call to Ronie who asks him to read the letter attached with it)<br /><br />Letter goes this way :-<br /><br />“This is a unique sleeper which was hurled at former corrupt CWG Official Kalmadi in the Court complex in New Delhi."<br /><br />HA HA HA ! ! !A.G.Krishnanhttps://www.blogger.com/profile/15801930715895397684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-11821613616251511512011-04-27T08:53:33.243+05:302011-04-27T08:53:33.243+05:30उत्तम एवं सार्थक आलेख| गलती का एहसास कराने के लिए...उत्तम एवं सार्थक आलेख| गलती का एहसास कराने के लिए हिंसक होने की जरूरत नहीं है, प्यार से बताएं|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-83975314774309975042011-04-26T16:04:56.783+05:302011-04-26T16:04:56.783+05:30गलती का एहसास कराने के लिए हिंसक होने की जरूरत नह...गलती का एहसास कराने के लिए हिंसक होने की जरूरत नहीं है, प्यार से बताएं । प्यार हर काम को आसन करता है । यह मुश्किल तो है, लेकिन दुश्कर नहीं और परिणाम सौ प्रतिशत । <br /><br />well said !S R Bhartihttps://www.blogger.com/profile/16535000568157262183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-9836009283460756372011-04-26T08:42:48.589+05:302011-04-26T08:42:48.589+05:30कोई अपने बच्चों को भी मारता है..छी..छी...गन्दी बात...कोई अपने बच्चों को भी मारता है..छी..छी...गन्दी बात.Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-69469129942264403822011-04-26T01:51:59.930+05:302011-04-26T01:51:59.930+05:30मैं अजित गुप्ता जी की टिप्पणी से सहमत हूँ.मैं अजित गुप्ता जी की टिप्पणी से सहमत हूँ.Rajeev Bharolhttps://www.blogger.com/profile/03264770372242389777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-42563494277205161352011-04-25T19:09:24.479+05:302011-04-25T19:09:24.479+05:30उत्तम एवं सार्थक आलेख.उत्तम एवं सार्थक आलेख.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-51848482513299665542011-04-25T15:05:43.820+05:302011-04-25T15:05:43.820+05:30सच कहा, छोटे पौधों की तरह सम्हाल कर रखना होगा।सच कहा, छोटे पौधों की तरह सम्हाल कर रखना होगा।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-61415912278052415322011-04-25T13:42:38.269+05:302011-04-25T13:42:38.269+05:30सार्थक आलेख है। और बहुत कुछ है---- इसका इन्तजार रह...सार्थक आलेख है। और बहुत कुछ है---- इसका इन्तजार रहेगा। आभार।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-16295503149533484782011-04-25T12:20:44.486+05:302011-04-25T12:20:44.486+05:30मैं आपकी बात से आंशिक रूप से सहमत हूँ, असल में मैं...मैं आपकी बात से आंशिक रूप से सहमत हूँ, असल में मैं इस बिषय पर शोध कर रहा हूँ, काफी आँकड़े जुटाये हैं, अभी काफी काम बाकी है पर जितना मैंने अभी तक महसूस किया है, वो ये है कि बच्चों जब छोटे हों तब उनको इस तरह प्रताड़ित नहीं करना चाहिए, 10 साल से छोटे बच्चे को इस तरह डांटना नहीं चाहिए, पर 10 साल से अधिक के बच्चे यदि कुछ ऐसी गलतियाँ करना शुरू करें जो कि अक्षम्य हों तो उनको मारने-पीटने चाहिए यानि थोडा दबाब बनाना शुरू कर देना चाहिए, अन्यथा वो उद्दंड हो जायेंगे|<br /><br />यहाँ एक बात और ध्यान रखने लायक है, आपको मजबूरी में डांटना या पीटना पड़े तो कुछ समय बाद उनको प्यार से उनकी गलती बताएं और समझाएं|<br /><br />यदि माता पिता दोनों ही ऐसा करेंगे तो बहुत गडबड हो जायेगी, एक थोडा दबाब बना कर रखे और एक खूब प्यार उडेले तो ठीक है, एक और बात जो मेरी खोज में सामने आयी है वो ये कि यदि आप पढाते नहीं हैं तो पढ़ने के पीछे अपने बच्चे को मारें नहीं, यदि इस बात पर बच्चे को पीटने का मन कर रहा है तो पहले खुद को पीटें क्यूंकि यह आपकी गलती है कि आप उसको पढाते नहीं हैं,<br /><br />एक और बात: अधितकर माता पिता बच्चों को ये जताते हैं कि हम तुम्हारे ऊपर बहुत रु. खर्च कर रहे हैं और तुम ऐसे हो वैसे हो| यह बहुत बहुत हानिकारक होता है, बच्चे के लिए भी और आपके लिए भी|<br /><br />और भी बहुत कुछ है, अपने ब्लॉग पर लिखूंगा किसी दिन इस पर एक पोस्ट आंकड़ों के साथ :)Dr. Yogendra Palhttps://www.blogger.com/profile/15028175080069734310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7991393791371092445.post-1235223500222353072011-04-25T11:44:06.632+05:302011-04-25T11:44:06.632+05:30बात तो आपकी अच्छी है लेकिन हम देखते रहे हैं कि पु...बात तो आपकी अच्छी है लेकिन हम देखते रहे हैं कि पुराने जमाने में बच्चों के साथ सख्ती बरती जाती थी और वे कभी भी हिंसक नहीं होते थे अपितु माता-पिता के आज्ञाकारी बनकर रहते थे। इसलिए यह आकलन एकपक्षीय अधिक लगता है। आज अमेरिका जैसी जगहों पर माता-पिता की नाक में दम कर रखा है बच्चों ने। इसलिए थोडा तो उन्हें डाँटना ही पडता है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.com